दूध को बहुत ज्यादा महिमा मंडित किया जाना और विशेषकर भारत में इसे धर्म और स्वास्थ्य के साथ इतनी मजबूती से जोड़ा गया है कि आज भारत में दूध और इससे बने उत्पाद जैसे दही, मक्खन चीज़ (Cheese), पनीर, घी आदि की मांग में पिछले 3-4 दशकों में भारी बढ़ोतरी देखी गयी है।
जैसे-जैसे दूध और इसके उत्पादों की खपत बढ़ी है इसके दुष्परिणाम भी अब सामने आने लगे हैं। जो रोग कुछ दशकों पूर्व तक आम नहीं थे अब एक गंभीर समस्या बनते जा रहे हैं।
अमेरिका में डॉक्टर्स द्वारा Cheese और अन्य दूध उत्पादों पर कैंसर की चेतावनी अंकित करने की मांग
हाल के वर्षों में महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढे हैं। Centers for Disease Control अनुसार, महिलाओं में स्तन कैंसर महिलाओं की मृत्यु का सबसे आम कारण है। फिजिशियन कमेटी फॉर रिस्पॉन्सिबल मेडिसिन (PCRM), यू.एस. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से आग्रह कर रहा है कि दूध के एक मुख्य उत्पाद Cheese पर स्तन कैंसर की चेतावनी दी जाए।
डेयरी और स्तन कैंसर का सम्बन्ध
दूध में गायों द्वारा एस्ट्रोजन की मात्रा आ जाती है। जब दूध से Cheese बनाया जाता है तो एस्ट्रोजन की मात्रा और भी सान्ध्र (Concentrate) हो जाती है। मानव शरीर में एस्ट्रोजन बहुत कम मात्रा में होने पर भी जैविक रूप से सक्रिय होते हैं, जो स्तन कैंसर की मृत्यु दर में वृद्धि करते हैं।
एक शोध The Life After Cancer Epidemiology के अनुसार जो महिलाएं उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद दिन में एक या अधिक बार प्रयोग करती थी उसमें स्तन कैंसर की संभावनाएं लगभग 50 % ज्यादा पायी गयी उन महिलाओं से जो डेयरी उत्पादों का प्रयोग या तो बिलकुल नहीं करती थी अथवा बहुत ही कम मात्रा में करती थी।
विश्व प्रसिद्द कैंसर रोग विशेषज्ञ Dr. Kristi Funk ने स्तन कैंसर और पशु उत्पादों के बीच संबंध के बारे में बताया है। डॉ फंक के अनुसार “पशु प्रोटीन और पशु वसा के सेवन से शरीर की कोशिकीय प्रतिक्रियाएँ इस तरह की होती है जो बिमारियों को इस हद तक बढ़ा देती है जिसका अंत मौत के रूप में होता है।
उन्होंने आगे बताया कि पशु प्रोटीन और पशु वसा के सेवन से एस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ता है, ग्रोथ हार्मोन्स के स्तर में बहुत तेजी से बढ़ोतरी होती है और शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन के बढ़ने से फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को नष्ट करते है, और DNA में बदलाव करते हैं।
क्या सिर्फ दूध पीकर कोई सारी उम्र स्वस्थ रह सकता है?
Let’s Beat Breast Cancer आंदोलन
फिजिशियन कमेटी फॉर रिस्पॉन्सिबल मेडिसिन (PCRM) ,डॉ फंक और अन्य महशूर हस्तियों के साथ मिल कर काम कर रहा है। एक नए वीगन आंदोलन Let’s Beat Breast Cancer के तहत वह लोगों को वीगन खाद्य पदार्थ खाने, नियमित रूप से व्यायाम करने, शराब की खपत को सीमित करने और स्वस्थ वजन बनाए रखने की प्रतिज्ञा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

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ज्यादा जानकारी के लिए अंग्रेजी में यहाँ पढ़ें –12,000 DOCTORS JUST URGED THE FDA TO PUT CANCER WARNINGS ON CHEESE