स्वास्थ्य समस्याएं और डेयरी उत्पादों का आपस में कितना गहरा रिश्ता है यह अब किसी से छिपा नहीं है। आये दिन इस सम्बन्ध में नए-नए शोध और रिपोर्ट सामने आती रहती है लेकिन डेयरी उत्पादों के सेवन की आदत हमें इसे अनदेखा करने को मजबूर करती है।
डेयरी उत्पादों के सेवन से होने वाली 6 मुख्य स्वास्थ्य समस्याएं
आज बहुत से शोध से यह सामने आया है कि डेयरी उत्पाद न केवल इंसानों के स्वास्थ्य के लिए घातक है वरन डेयरी उद्योग के लिए पाले जाने वाले पशुओं (animal agriculture) के कारण भरी मात्रा में ग्रीन हाउस गैसों का भी उत्सर्जन होता है, जो हमारे पर्यावरण के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है।
हमारे स्वास्थ्य पर होने वाले कुछ नकारात्मक प्रभाव
जी मिचलाना और उल्टी होना
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के शोध के अनुसार, 65% वयस्कों में लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose intolerance) पायी जाती है। यह दुनिया भर में 4 लोगों में से लगभग 3 है। इसके मुख्य लक्षण जी मचलाना और कई मामलों में उल्टी होने की संभावनाएं भी होती है।
दूध, आइसक्रीम, पनीर इत्यादि के सेवन के बाद इस तरह के लक्षण प्रकट होने की संभावनाएं होती है।
लैक्टोज असहिष्णुता एशियाई, दक्षिण अमेरिकी या अफ्रीकी वंश के लोगों में ज्यादा पायी जाती है।
पेट फूलना और पाचन तंत्र में गड़बड़ी
यदि डेयरी उत्पादों के सेवन से कोई शीघ्र बीमार न भी हो तो भी उसमें लेक्टोस के प्रति संवेदनशीलता पायी जा सकती है।
लैक्टोज असहिष्णुता की स्तिथि में लेक्टोज आमाशय में नहीं टूटता और आँतों में पहुँच जाता है। आँतों में उपस्थित बैक्टीरिया द्वारा टूट जाता है इसके परिणाम स्वरुप गैस पैदा होती है और पेट फूलना और पाचन तंत्र में गड़बड़ी उत्पन्न होने लगती है।
हार्मोन असंतुलन और मुँहासे
डेयरी के व्यावसायिक उत्पादन में प्रयोग होने वाले हॉर्मोन के अंश दूध में भी उपस्थित होते हैं। दूध के सेवन से यह हॉर्मोन शरीर में हार्मोन असंतुलन पैदा कर मुहासों की समस्या को और भी गंभीर कर सकते हैं।
हमारे शरीर में, इंसुलिन विनियमन को इंसुलिन जैसे विकास कारक -1 (IGF-1) [insulin-like growth factor-1 (IGF-1)] के माध्यम से बाधित होना मुँहासे की समस्या को गंभीर बनाने का कारण माना जाता है। स्किम दूध (Skimmed Milk) के सेवन से स्तिथि खराब होने की संभावना और भी अधिक होती है।
अधिक कैलोरी की खपत
यदि आप वज़न घटाने का प्रयत्न कर रहे हैं तो डेयरी उत्पादों में उपस्थित अत्यधिक वासा और कैलोरी वज़न कम करने में बाधा उत्पन्न कर सकती है। यह भी सिद्ध हो चुका है कि डेयरी पदार्थों में उपस्थित संतृप्त वसा मोटापा और अन्य रोगों का कारण बन सकती है।
डेयरी उत्पादों के सेवन से कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है
कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि नियमित डेयरी पदार्थों के सेवन से प्रोस्टेट या स्तन कैंसर जैसे कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा सामान्य से कई गुना बढ़ जाता है।
प्रोस्टेट कैंसर में दूध की भूमिका!
दूध से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है
दिल की सेहत पर डेयरी का प्रभाव और भी जटिल है। अनुसंधान से पता चला है कि नियमित दूध और दूध उत्पादों के सेवन से हृदय रोग का खतरा एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण मात्रा में बढ़ सकता है।
दूध में उपस्थित केलोस्ट्रोल की मात्रा को हृदय रोगों का मुख्य कारण माना जाता है।
यहाँ यह स्पष्ट है कि दूध जिसे हमारे समाज में पवित्रता का दर्जा मिला हुआ है और जिसे हम एक सम्पूर्ण आहार समझने की भूल करते हैं वही दूध के नियमित सेवन से हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होने लगती है।