स्वस्थ्य जीवन के लिए अब पशु दूध को ना: कनाडा की नयी फूड गाइड

स्वस्थ्य जीवन के लिए हमारा आहार कैसा होना चाहिए इस बारे में विभिन्न देशों की सरकारें अपने नागरिकों के लिए समय समय पर निर्देशों में बदलाव करती रहती है।

2019 की शुरुआत में कनाडा की नई पोषक खाने की निर्देशिका में ढेर सारी सब्जियां, फल और अनाज खाने की बात कही गई है। पहले की तुलना में अंडा, मांस और प्रोसेस्ड खाने को कम महत्त्व दिया गया है जबकि प्रतिदिन एक गिलास दूध इसमें शामिल नहीं किया गया है।

स्वस्थ्य जीवन के लिए क्या खाना उचित है ?

वैसे तो हमेशा से शुद्ध प्राकृतिक आहार को ही स्वस्थ्य जीवन का आधार माना गया है लेकिन समय के साथ साथ विभिन्न परिस्थितियों और किसी खाने के विशेष स्वाद के कारण हमने वह खाना भी शुरू कर दिया जो हमारा प्राकृतिक आहार नहीं है।

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आहार का व्यवसायीकरण

समय के साथ हर चीज़ का औद्योगीकरण और व्यवसायीकरण भी हुआ है और हमारा आहार भी इससे अछूता नहीं रहा। व्यवसायीकरण और मुनाफे की इस अंधी दौड़ में हमारी प्राकृतिक खान-पान की जरूरतें इनकी गुलाम हो गयी।

इन व्यवसायों से जुड़े संगठनों के अत्यधिक दबाव के कारण अधिकांश देशों की सरकारों ने अपने नागरिकों के अच्छे बुरे को भुला कर वही आहार सम्बंधित निर्देश देने लगी जो यह संगठन चाहते हैं।

कनाडा सरकार द्वारा जारी आहार पोषक निर्देशिका

आज भारत सहित विभिन्न देशों में दूध, अंडा और मांस का उत्पादन करने वाले औद्योगिक संगठन अपने धन बल के कारण इतने प्रभावशाली बन चुके हैं की इनके दबाव के आगे सरकारें भी नत मस्तक नज़र आती है।

लेकिन एक समय तक ही सच्चाई को दबाया जा सकता है। कनाडा सरकार द्वारा जनवरी 2019 में जारी नयी आहार पोषक निर्देशिका इसका एक उदाहरण है। कनाडा सरकार ने वर्ष 2007 में अंतिम बार अपने नागरिकों के लिए आहार पोषण निर्देशिका में बदलाव किये थे उसके बाद अब 2019 में किये गए बदलाव वास्तव में क्रांतिकारी है।

सरकार ने आहार निर्देशों के साथ संकेत के रूप एक खाने की थाली का फोटो भी जारी किया है जिसमें से मांस और अंडे को पहले की तुलना में बहुत कम महत्व दिया गया है। अंडे और मांस को तो समझा जा सकता है लेकिन प्रतिदिन जो एक गिलास दूध पीने की सलाह आमतौर पर दी जाती है वह दूध का गिलास गायब है। दूध को न लेने की सलाह दे कर कनाडा सरकार ने एक साहसिक कदम उठाया है जिससे दूध उद्योग से जुड़े संगठनों का नाराज़ होना स्वाभाविक है।

गाइडलाइन में स्पष्ट रूप से plant base diet को महत्व देते हुए लिखा है कि – पौष्टिक खाद्य पदार्थ स्वस्थ भोजन की नींव हैं।

सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। प्रोटीन खाद्य पदार्थों के बीच, पौधे -आधारित भोजन का अधिक सेवन किया जाना चाहिए।
प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों में फलियां, नट्स, बीज, टोफू, फोर्टीफाईड सोया पेय अदि का सेवन करना चाहिए। पानी सर्वाधिक पसंदीदा पेय होना चाहिए।

इसमें दूध से बने कम वासा वाले पनीर और दही का तो जिक्र है लेकिन रोज़ दूध पीने की आवश्यकता है इसके बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। इस बारे में बीबीसी ने भी यही निष्कर्ष निकला है कि कनाडा सरकार द्वारा जारी आहार निर्देशिका के अनुसार अब रोज अपने आहार में दूध को सम्मिलित करना जरूरत नहीं है। नीचे लिंक में आप पूरा आलेख पढ़ सकते हैं।

Is milk healthy? Canada’s new food guide says not necessarily

यह food guide ऐसे समय में आयी है जब पर्यावरण, स्वास्थ्य या नैतिक कारणों से कई कनाडाई मांस और डेयरी उपभोग में कटौती कर रहे हैं।

कनाडा के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2009 के बाद से दूध की खपत में गिरावट आई है, जबकि पौधे आधारित दूध-विकल्प की लोकप्रियता बढ़ी है।

इस तरह यह कहा जा सकता है कि यह फ़ूड गाइड विभिन्न कारणों और जागरूकता के चलते लोगों द्वारा अपनाये जा रहे आहार का प्रतिबिम्ब है।

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